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परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के बचन
बचन नं 11
17 जुलाई , 1960 को लड़कों के सतसंग में हुजूर ने फ़रमाया - पिछले वर्ष आप लोगों में से कुछ लड़कों ने वार्षिक परीक्षाओं में सफ़लता प्राप्त की और कुछ असफ़ल रहे । कुछ लड़कों ने घोर परिश्रम किया और कुछ छात्रों ने असावधानी की और अपना समय नष्ट किया । अब यदि उन असफ़ल छात्रों को अपनी भूल और असावधानी का पता चल गया है और उनका यह विचार हो रहा है कि गत वर्ष की अपेक्षा अब उनकी उम्र में एक वर्ष की और वृद्धि हो चुकी है तो फिर उन सब छात्रों को चाहिए कि इस नए वर्ष के आरंभ में शुभ और उत्तम संकल्प , उमंग व उत्साह अपने दिल में पैदा करें और उनको सुदृढ़ बनावें और घोर परिश्रम से पढ़ाई करें जिससे इस वर्ष वे न केवल अपनी परीक्षाओं में सफ़ल हों बल्कि पढ़ लिख कर अपने लिए , अपनी कम्यूनिटी के लिए और अपने देश के लिए लाभदायक सिद्ध हों और सफ़ल नागरिक बन सकें ।
Bachans of Param Guru Huzur Mehtaji Maharaj
Bachan No. 11
On July 10 in the Sunday Satsang for boys, Gracious Huzur Mehtaji Maharaj was pleased to address the boys as follows:
In the previous session some of you achieved
success at the annual examination and some of you failed. Some of you worked
hard and earnestly; some of you remained negligent and wasted away your time.
If, now, the latter have realised their mistake and negligence and they are
feeling that they have grown older by one year, then they will do well to
instil in themselves, now as the new session begins, good resolutions,
desirable ambitions and zeal and enthusiasm to work for their achievement, and
start their studies with earnestness and perseverance, so that they may not
only get success at their examinations but prove to their community, to the society
at large and to their country and become useful its successful citizens.
radhasoami
ReplyDeleteRADHASOAMI
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