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२१ - निर्मल चेतन देश ।
यह तो मालूम हो चुका है कि मनुष्य का मन उसकी सुरत के अधीन है और मन को चेतनता और शक्ति अपनी क्रियाएँ करने के लिये सुरत ही से मिलती हैं और उसका सुरत के साथ बंधन है । जो हाल मनुष्य के मन का है वही हाल ब्रह्मांडी मन का भी है । हमारे इस विचार से हरचंद सुरत और मन के अंदरुनी ताल्लुक पर बहुत कुछ रोशनी पड़ जाती है लेकिन यह वाजह नहीं होता कि निर्मल चेतन देश के स्थान इस रचना में कहाँ पर वाकै है इस लिये यह बात दरयाफ्त करने के लिये हम इस मजमून की तहक्रीकात दूसरे ढंग से करते हैं ।
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दफा १३ में यह दिखलाया गया था कि स्थूल शरीर के ( उसके सूक्ष्म रूपों के समेत ) अलहदा होने पर सुरत यानी जीवात्मा के सब खबास ज्यादा ताकतवर हो जाते हैं और बहुत सी नई शक्तियाँ भी जाग उठती हैं और दफा ९ में हमने यह दिखलाया था कि मन मुरत का एक मौज्ञार है जिसकी मारफत सुरत अपनी चेतन क्रियाएँ करती है और मन से मुरत की धार के खिंच जाने पर यह बिलकुल बेकार हो जाता है । इससे नतीजा निकलता है कि मनुष्य का मन भी मुरत के लिये एक वैसा ही पर्दा है जैसा कि स्थूल शरीर । इस लिये सुरत के ऊपर से मन का पर्दा उतरने पर वैसे ही नतीजे जहूर में आने चाहिए जैसे स्थूल शरीर का पर्दा हटने की निसवत ऊपर बयान किये गये हैं . यानो मन का पर्दा हटने पर खालिस रूहानी स्वास यानी निर्मल चेतन - अंग ( मानसिक अंग जिनका सिर्फ आभास या छाया है ) प्रकट होंगे और इन खवास या अंगों को पहुँच मन की निसबत कहीं ज्यादा होगी और मुरत की उस हालत की हर एक क्रिया के अंदर चेतन - शक्ति के तीन निज स्रवास यानी सत्ता , चेतनता और आनंद की कैफियत जरूर नुमायाँ होगी और उसके अंदर दुःख व क्लेश का नाम व निशान भी न होगा । अब अगर इस दलील को ब्रह्मांड पर घटा कर देखा जाये तो नतीजा निकलता है कि मुरत के भंडार के ऊपर से ब्रह्मांडी मन का पर्दा दूर करने पर हमको निर्मल चेतन देश यानी हमारी तहकीकात का निशाना मिल जावेगा । मगर इस नतीजे से हमारी पूरी मतलबबरारी नहीं होती क्योंकि इससे यह मालूम नहीं होता कि ब्रह्म क्यों पैदा किया गया और क्यों उसका मुरत के भंडार के संग संबंध कायम किया गया है और क्यों अब उसको सुरत के भंडार से अलहदा किया जावे | इन बातों का मुफ़स्सल बयान तो रचना भाग में किया जावेगा यहाँ पर मुख़्तसर तौर पर इतना ही जतलावेंगे कि निर्मल चेतन देश , जो ब्रह्मांड के परे वाकै है , छः उपभागों में मुनकसिम है और इसी तकसीम की वजह ने निर्मल चेतन धार के ब्रह्मांड देश में उतरने पर ब्रह्मांड के अंदर इसी नमूने के छः स्थान जाहिर हुए ।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikkd6IDzJNe_g9Bis-6_ymKhMYSYsE-n9XIgbg_99h0lRcYdwlABOdt5XxAsADFmyv4tHxAqVt1R6coxTmdCgSDf-E6Ivu6msq6HaPYRpjCNjdtG9_laVOoTXahyphenhyphenr3jzkT3h4DDAsDChk_/w516-h119/download+%25283%2529.jpg)
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RADHASOAMI
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