परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के बचन
बचन नं 7
8 जुलाई , 1945 रविवार को लड़कों के सतसंग में हुजूर ने फ़रमाया आप लोग यदि दयालबाग में यहाँ के नियमों को सामने रख कर उनके अनुसार चलेंगे तो सदैव आराम से रहेंगे । यदि आपको निवास - काल में कोई कष्ट हो तो आप आपस में मिल कर दूर करने की कोशिश कीजिए । यदि दूर न हो तो आप अपने अध्यापक व वार्डन साहब से निवेदन कीजिए । यदि संतोष न हो तो प्रिंसिपल साहब से निवेदन कर सकते हैं , और फिर रविवार के दिन जब आप यहाँ आवें तो उसे यहाँ भी कह सकते हैं । आप यहाँ पर रह कर अपना ध्यान अपनी पढ़ाई की तरफ़ रखें , अपने समय की कद्र करना सीखें । व्यायाम करके अपने शरीर व स्वास्थ्य को ठीक रखें और व्यर्थ कामों व बातों में अपना समय व धन नष्ट न करें । ऐसा करने से आप सदैव प्रसन्न रहेंगे , अपने जीवन में सफल रहेंगे और यहाँ के शिक्षालयों से पूरा लाभ उठा सकेंगे।
Bachans of Param Guru Huzur Mehtaji Maharaj
Bachan No. 7
8th
July, 1945. Huzur was pleased to make the following observation in students'
Satsang on Sunday. You will be comfortable if your actions in Dayalbagh are
according to the rules laid down here. If you have any difficulty during your
study you can discuss among yourself and try to remove it. If it is not
resolved you may make a request to your teacher or the warden. If you are not
satisfied, you can make request to the Principal and also make a mention when
you come here on Sundays. During your stay here you should pay attention to
your studies and learn to value your time. By performing physical exercise you
keep your body fit and healthy and not waste your time and money in useless
activities. By doing this you will be always happy and successful in your life
and would be able to derive full benefit from the educational institutions here.
radhasoami
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