Saturday, October 10, 2020

परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के सन्देश

परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के सन्देश


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      प्रातः काल उठने वाले एवं मितव्ययी, परिश्रमी , सत्यभाषी , दयावान और विचारशील , उत्तम नागरिक और हुजूर राधास्वामी दयाल के सच्चे भक्त बनिए

    यदि आप भोजन चाहते है तो पहले परिश्रम करके पसीना बहाइए यदि आप स्वशासन चाहते हैं तो पहले अपने ऊपर शासन संयम करना सीखिए यदि आप अपने आपको किसी वस्तु के पाने के योग्य बनाना चाहते हैं तो दूसरों की सेवा करना सीखिए

      किसी चीज़ को नष्ट करना मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है मैंने हमेशा पुरुषों और स्त्रियों , बूढों और नौजवानों सबको समान रूप से यह परामर्श दिया है कि वे हमेशा ध्यान रखें कि वे अपना समय , अपनी शक्ति , अपने विचार , अपना धन , अपने खाने की चीज और वस्त्र अर्थात् जो कुछ उनके पास हो उसे नष्ट होने दें ताकि जरूरत के समय उनको उसकी कमी महसूस हो मेरा यह भी विचार है कि किसी चीज़ का नष्ट करना पाप से कुछ कम नहीं है

      जो संगत अपने काम में आगे बढ़ना चाहती है उसे अपने उद्देश्य , विचार एवं क्रिया में एक होना चाहिए उसे यह भी चाहिए कि अपने कार्यकर्ताओं , धन और सामान से संबंधित सभी साधनों को सुरक्षित रखे और दूरदर्शिता से काम ले तथा अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उचित समय के अन्दर इंतजाम करे यह केवल तभी मुमकिन हो सकता है जब उस संगत का हर सदस्य अपनी संगत के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यथाशक्ति ज़ोर लगाए अनुशासन, क़ुरबानी और लगातार सख्त मेहनत इस प्रयास में सिर्फ सहायक हैं बल्कि निहायत ज़रूरी हैं




 

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