Friday, October 9, 2020

राधास्वामी सतसंग संगठन दयालबाग आगरा

 

राधास्वामी सतसंग संगठन


   1. राधास्वामी सतसंग समा

1.  राधास्वामी सतसंग सभा राधास्वामी सतसंग की शीर्ष संस्था है परम गुरु सरकार साहब के मार्ग दर्शन में गाजीपुर में उस समय उपस्थित सतसंगियों के सर्वसम्मति से 28 मार्च 1910 को राधास्वामी सतसंग सभा की स्थापना हुई थी जिसका अनुमोदन राधास्वामी मत के अधिकांश सदस्यों द्वारा किया गया सभा का संविधान एवं उपविधियाँ दिसम्बर 1910 में अंगीकृत हुई सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत राधास्वामी सतसंग सभा का पंजीकरण 17 नवम्बर 1921 को हुआ सभा का मुख्यालय ( हेडक्वार्टर ) दयालबाग आगरा है

   2. सभा के उद्देश्य निम्नवत् हैं :

.        राधास्वामी मत की शिक्षा का प्रचार

.        इच्छुक व्यक्तियों को सतसंग करने की तथा उपदेश देने की व्यवस्था करना

.         राधास्वामी मत के संस्थापक और दिवंगत संत सतगुरुओं की पवित्र समाधों का निर्माण तथा उनका अनुरक्षण

.         भंडारा तथा प्रसाद वितरण का प्रबन्ध करना

,         दयालबाग कॉलोनी को एक आश्रम के रूप में बनाए रखना और उसे इस प्रकार संचालित करना जिससे उसका वातावरण          राधास्वामी मत में निर्दिष्ट उपासना सम्बन्धी अभ्यास आदि के लिए अनुकूल हो एवं यहाँ के निवासी समुचित दृढ़ता और अनुशासन से अपने मन को वश में कर सकें

,         रीजनल , डिस्ट्रिक्ट और बाँच सतसंग और सतसंगियों का मार्ग दर्शन इस प्रकार से करना कि वह व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से राधास्वामी मत की शिक्षाओं और सभा के उद्देश्यों के अनुरूप हों

.          सभा के कई धर्मार्थ उद्देश्य भी हैं , जैसे शैक्षिक संस्थाओं , कार्यशालाओं , कृषि फार्म की स्थापना , चिकित्सीय सुविधाएँ करना उपलब्ध कराना और वृद्ध एवं निर्धनों को सहायता प्रदान करना

.         हुजूर राधास्वामी दयाल को समर्पित सभी सम्पत्ति सभा में निहित होती है उनका परिरक्षण और अनुरक्षण करना सभा का कार्य है  

3.    सभा के सदस्यों की न्यूनतम संख्या 50 है रिक्त होने पर सदस्य नए सदस्य का चुनाव करते हैं सभा के पदाधिकारी , प्रेसिडेंट , दो वाइस प्रेसिडेंट होते हैं , जो क्रमशः 5 वर्ष 3 वर्ष के लिए निर्वाचित किए जाते हैं सभा द्वारा एक सेक्रेटरी और एक या एक से अधिक संयुक्त ( ज्वाइंट ) और सहायक ( असिस्टेन्ट ) सेक्रेटरी नियुक्त किए जाते हैं

4.     सभा की मुख्य प्रशासनिक इकाई उसकी कार्यकारिणी समिति ( एग्जीक्यूटिव कमेटी ) है जिसमें सभा द्वारा नियुक्त न्यूनतम 11 सदस्य होते हैं , जिनमें सभा के प्रेसिडेंट दो वाइस प्रेसिडेंट पदेन सदस्यों के रूप में सम्मिलित हैं यह कार्यकारिणी समिति सभा के नियमों के अनुसार कार्यक्रमों का विवरण विस्तृत रूप से तैयार करती है और सभा की संस्थाओं और कार्यकलापों पर सामान्य नियंत्रण रखती है

  2. ब्राँच सतसंग

यदि किसी स्थान पर दस या उससे अधिक सतसंगी हों , तो वे सभा से एक ब्राँच सतसंग गठित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं सभा की स्वीकृति के पश्चात ब्राँच सतसंग गठित हो जाता है और उसके सदस्य अपने में से सभा द्वारा निर्धारित प्रक्रिया द्वारा एक सेक्रेटरी चुन लेते हैं जो ब्रौंच का दैनिक कार्य ( रुटीन ) करता है और बाँच सतसंग के प्रबन्धन और कार्य संचालन के मामलों में सभा के सेक्रेटरी से सम्पर्क का माध्यम होता है स्थानीय सतसंगियों और जिज्ञासुओं का एक रजिस्टर रखना सेक्रेटरी का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है सभा द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार सतसंग , भंडारे , प्रसाद वितरण की व्यवस्था करना बाँच सतसंग का कर्तव्य है ब्राँच अपना वार्षिक आय - व्यय का लेखा ( बजट ) तैयार करती है जो सभा को स्वीकृति हेतु भेजा जाता है तथा अपने व्यय सदस्यों के अंशदान से पूरा करती है अंशदान करने वालों की सूची भी सभा द्वारा स्वीकृत की जाती है

  सतसंग सेंटर

   छोटी जगहों के सतसंगियों को एक स्थान पर सामूहिक सतसंग करने की सुविधा प्रदान करने हेतु सतसंग सेंटर्स की स्थापना की जाती  है

        सतसंग सेंटर्स में सतसंग करने की क्रिया ब्राँच सतसंग के ही अनुरूप होती है भंडारे के दिन सामूहिक आरती और सतसंग , सेंटर में आयोजित किया जा सकता है पर भंडारे का आयोजन ब्रांच में ही होता है ( जिससे सेंटर सम्बद्ध है )

       सेंटर की महिलाएँ सम्बन्धित ब्राँच की महिला एसोसिएशन की मेम्बर तथा सेंटर का युवा वर्ग ब्राँच की यूथ एसोसिएशन का मेम्बर बन सकता है वे ब्राँच की महिला / यूथ एसोसिएशन के खण्ड ( चेप्टर ) के रूप में कार्य कर सकते हैं

    सेंटर सतसंगियों की सूची तथा जिज्ञासुओं की सूची बनाकर हर साल अक्तूबर में सभा को भेजते हैं सेंटर निर्धारित प्रारूप पर आय - व्यय का ब्यौरा वित्तीय वर्ष के आधार पर तैयार करते हैं और अंशदाताओं की सूची के साथ उसे अपने रिकार्ड में रखते हैं सभा को भेजते हैं


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