१७ - मनुष्य - योनि के तीन बड़े हिस्से ।
मनुष्य के स्थूल शरीर और उसकी मानसिक क्रियामों की जाँच करने से मालूम होता है कि मनुष्य में तीन मुख्य चीजें हैं :-
( १ ) बाहरी जामा या शरीर और उसके अंदर कायम इंद्रियाँ ये पृथ्वी , जल , वायु , अग्नि और आकाश तत्वों को मिलौनी से और प्रकृति की उन सब जड़ शक्तियों की मदद से , जो चेतन - शक्ति का मुख़्तलिफ पदों की मारफत इजहार होने से उत्पन्न होती हैं , तैयार
( २ ) मन - इसकी बैठक अन्तःकरण में है जिसके चार अंग हैं : अव्वल मन , जिससे अंतर में खपालात पैदा होते हैं । दूसरा चित्त या तवज्जुह की धारें , जिनके द्वारा खयालात मुख़्तलिफ वस्तुओं की जानिव मुखातिब किये जाते हैं और उनके संग जोड़े जाते हैं ।
तीसरा बुद्धि , जिसके द्वारा मनुष्य को कुल बातों का बोध होता है यानी समझ पाती है और जो तवज्जुह की धार के एकत्र होने से प्रकट होने वाला प्रकाश है । चौथा अहंकार , जिससे में व तू की तमीज कायम होती है ।
( ३ ) सुरत यानी चेतन - शक्ति - यह पहली दो चीजों यानी शरीर और मन को जान देती है और इसकी सहायता के बगैर वे दोनों बेकार रहते हैं ।
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rodhasoami
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