Monday, January 4, 2021

११२ - पृथ्वी पर मनुष्य और दूसरी योनियों के जीव कहाँ से आते हैं !

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११२ - पृथ्वी पर मनुष्य और दूसरी योनियों के जीव कहाँ से आते हैं ?

          ब्रह्मांड के वासियों की उम्र बहत दराज होती है और ज्यादातर वे लोग महाप्रलय के समय ब्रह्मांड के नाश होने तक बराबर जिंदा रहते हैं यह हम जिक्र कर चुके हैं कि ब्रह्मांड से नीचे की जानिय रुख वाली एक धार पिंड में उतर कर पाती है उस धार की मारफत ब्रह्मांड के निचले स्थानों के बहुत से और कुछ एक ऊपर के स्थानों के वासी पिंड देश में चले आते हैं पृथ्वी पर उतर कर वे आम तौर पर मनुष्य - शरीर ही धारण करते हैं क्योंकि इसी के अंदर रह कर वे मुनासिब साधन करके ब्रह्मांड और उसके परे के स्थानों में पहुँच सकते हैं और नीज़ इस लिये कि नीचे रुख वाली धार निचले स्थानों में उतरने से पहले अव्वल ठेका पृथ्वी ही पर लेती है लेकिन मालूम हो कि इस धार की मारफत पाने वाले प्रह्मांड के वासियों की तादाद ज्यादा नहीं होती और पृथ्वी पर ज्यादातर पिंड देश के मुख़्तलिफ स्थानों ही के जीव जन्म लेते हैं

      दफा १०५ से मालूम होगा कि पिंड देश के सब स्थानों के गिर्द अलग अलग अग्नि और आकाश तयों के सूक्ष्म मंडल कायम हैं जिनके अंदर जीव बसते हैं और जिनकी वासनाएँ और वृत्तियाँ उन स्थानों के पृथ्वी , जल और वायु मंडलों में रहने वालों की वासनाओं और वृत्तियों से मिलती जुलती हैं और जिनके खयालात बोल चाल और रोजमर्रा के व्यवहार भी आखिरुजिक जीवों के खयालात वगैरह से मिलते जुलते हैं सूक्ष्म मंडलों के वासी अपनी उम्र के खतम होने पर अक्सर अपने स्थान के मुतअल्लिक स्थूल मंडलों में जन्म लेते हैं सूक्ष्म मंडलों में मनुष्य - शरीर से मुशावहत रखने वाले जीवों के अलावा पशु वृत्ति और पशुयोनि वाले जीव भी बसते हैं चुनाँचे इस पृथ्वी पर जो बहुत सी किस्म के मनुष्य और पशु देखने में आते हैं वे इस पृथ्वी से मुतअल्लिक अग्नि और आकाश मंडलों ही से आते हैं पृथ्वी से नीचे के तीन स्थानों में और ऊपर के दो स्थानों में भी करीन करीब ये ही कायदे जारी हैं इन जरियों के अलावा चौरासी की धारें भी ( देखो दफा १०२ ) इस पृथ्वी पर और पिंड के दूसरे स्थानों में जीवों को लाकर डालती हैं

           अलावा इसके दफा १०७ से मालूम होगा कि पिंड देश ब्रह्मांड के और ब्रह्मांड निर्मल चेतन देश के गिर्द चक्कर लगा रहा है इन चक्करों के दौरान में हमारी पृथ्वी और पिंड देश के दूसरे स्थान अक्सर ऐसे लोकों के नजदीक जाते हैं जिनमें जीव जंतु और वनस्पति इनकी कायनात से किसी कदर मुख़्तलिफ होते हैं इस किस्म का योग होने पर एक स्थान के सूक्ष्म मंडलों के यासी दूसरों के सूक्ष्म मंडलों में चले जाते हैं और इस वजह से हमारी पृथ्वी पर बहुत से नई किस्म के शरीरधारी प्रकट होते हैं चुनाँचे जमीन खोदने से ऐसे बहुत से अजीब गरीष जानवरों की हड़ियाँ फॉसिल ( Fossil ) यानी पत्थर बनी दुई बरामद होती हैं जो अब जमीन पर जिंदा नहीं मिलते


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